Dearness Allowance Central Government को लेकर बडी खबर सामने आयी है। कि केन्द्र सरकार इस साल नहीं देगी किसी भी केन्द्रीय कर्मचारी या पेंशनर को अतिरिक्त महँगाई भत्ता। कोरोनावायरस संक्रमण को नकारात्मक आर्थिक असर को देखते हुए केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों को लेकर एक बड़ा झटका दिया है। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को इसके आदेश जारी कर दिए। केंद्र सरकार के इस फैसले से करोडों कर्मचारी और पेंशनर प्रभावित होंगे।
इसमें करीब 48 लाख कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर शामिल हैं। इस महंगाई भत्ते को रोकने केंद्र सरकार को करीब 37,530 करोड़ रुपए की बचत होगी। हालांकि, वित्त मंत्रालय ने साफ किया है कि मौजूदा दर पर महंगाई भत्ते का भुगतान होता रहेगा। केंद्रीय कर्मचारियों को 1 जनवरी 2020 से मिलने वाली अतिरिक्त महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी गई है। इसी प्रकार से केंद्र सरकार के पेंशनभोगियों को भी 1 जनवरी 2020 से दिए जाने वाले अतिरिक्त महंगाई राहत भत्ते का भी भुगतान नहीं किया जाएगा।
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राज्य सरकारें भी रोक सकती हैं Dearness Allowance (महँगाई भत्ता)
केंद्र सरकार के फैसले के बाद राज्य सरकारें भी अपने कर्मचारियों और पेंशनर्स का महंगाई भत्ता रोक सकती हैं। यदि राज्य सरकारें ऐसा करती हैं तो इससे करीब 82,566 करोड़ रुपए की बचत होगी। इस प्रकार केंद्र और राज्य सरकारों को महंगाई भत्ते की मद में 1.20 लाख करोड़ रुपए की बचत होगी, जो कोरोना के खिलाफ जंग में काफी मदद करेगी।
कितने समय में होता है महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) में बदलाव ?
सरकार प्रत्येक 6 महीने के अंतराल पर महंगाई भत्ते में बदलाव करती है। बदलाव के बाद महंगाई भत्ता का भुगतान हर साल 1 जनवरी और 1 जुलाई से किया जाता है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से दी जाने वाली महंगाई भत्ता और महंगाई राहत भत्ता का भी भुगतान नहीं किया जाएगा। इस प्रकार केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनरों को जून 2021 तक महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं हो पाएगा।
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